FeaturedUncategorized

Irregularity in KCC loan केसीसी लोन में भारी गड़बड़ी, उप पंजीयक से हुई शिकायत, कार्यवाही की मांग

जांजगीर चांपा – Irregularity in KCC loan वैसे तो जिले में धान खरीदी संबंधी अनेकों अनियमितताएं आए दिन सामने आते रहते हैं। समिति में कार्य के लिए नियुक्त खरीदी प्रभारी और कंप्यूटर ऑपरेटर की सबसे ज्यादा मिलीभगत होती है जिनके द्वारा गड़बड़ियां की जाती हैं l इस बार एक समिति में केसीसी लोन में गड़बड़ी सामने आई है जिसमें एक ही किसान के नाम पर एक ही वर्ष में दो बार केसीसी लोन जारी कर दिया गया है।

KCC
KCC
KCC
KCC

 

इस तरह हुई गड़बड़ी को लेकर दोषियों के खिलाफ जांच कर कार्यवाई करने लिखित शिकायत उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं जांजगीर चांपा उमेश कुमार गुप्ता से की गई है। पूरा मामला धान खरीदी केंद्र खिसोरा का है।

क्या है पूरा मामला…

जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर, शाखा बलौदा, जिला – जांजगीर चांपा अंतर्गत सेवा सहकारी समिति मर्यादित खिसोरा में वर्ष 2022/23 में के.सी.सी. ऋण में गड़बड़ी की गई है। समिति द्वारा सत्र 2022 में जारी डिमांड लिस्ट में क्रमांक 557 किसान कोड TF5400460100081 मनकेश्वर सिंह/ मनहरण ग्राम मधईपुर के नाम पर रकबा 5.92 हेक्टेयर भूमि पर नगदी 1,20,000 रुपए एवम् खाद्य वस्तु के लिए 33083.82 रुपए कुल 153083.82 रुपए प्रदान किया गया है।

इसके अलावा इसी वर्ष 2022 की डिमांड सूची में क्रमांक 558 में भी मनकेश्वर सिंह/ मनहरण ग्राम मधईपुर के नाम पर कुल रकबा 5.92 हेक्टेयर भूमि पर नगदी 120000 रुपए एवम् खाद्य वस्तु के लिए 33475 रुपए कुल 1,53,475 रुपए प्रदान किया गया है।

इस तरह एक ही किसान को एक वर्ष में दोनो राशि को मिलाकर कुल 306558.82 रुपए दिया गया। उक्त किसान के नाम पर कुल रकबा भूमि 5.92 हेक्टेयर है जिसके आधार पर केसीसी लोन दिया गया है, जबकि इतनी राशि उक्त रकबे के अनुसार दिया जाना संभव नहीं है।

इस पूरे मामले में सवाल उठने लगा है, एक ही कृषक के नाम पर एक ही वर्ष में दो बार केसीसी ऋण प्रदान किया गया है जो कि नियम के विपरित है। इसके अलावा केसीसी लोन देने के पूर्व इसकी दस्तावेजीय अहर्ता को जांचने नियुक्त समिति के संस्था प्रबंधक/ खरीदी प्रभारी, कंप्यूटर ऑपरेटर, सुपरवाइजर, शाखा प्रबंधक सहित अन्य की कार्यशैली पर सवाल उठने लगा है।

विभागीय नियम के अनुसार किसी भी कृषक के नाम पर केसीसी लोन प्रदान करने के पहले संबधित समिति द्वारा कृषक से आवश्यक दस्तावेजों की जांच की जाती है जिसमें जमीन संबंधी दस्तावेज जैसे बी वन, खसरा, मूल ऋण पुस्तिका की जांच की जाती है और समिति द्वारा सूची तैयार कर बैंक को भेजा जाता है जहां सुपरवाइजर द्वारा जांच कर भुगतान करने के लिए शाखा प्रबंधक की अंतिम मुहर लगाई जाती है। लेकिन एक ही कृषक के नाम पर एक साथ दो – दो बार केसीसी लोन प्रदान किया जाना गड़बड़ी को दर्शाता है।

हालाकि इस मामले की लिखित शिकायत उप पंजीयक कार्यालय पहुंच चुकी है। देखना होगा कि इस मामले में आखिरकार गड़बड़ी कहां पर हुई है और किसके द्वारा किया गया है। इस मामले से जुड़ी सच्चाई क्या है, जांच के बाद ही सामने आएगी।

Related Articles

Back to top button